उठ रहे सवाल : कहां है बच्चों के पोषाहार का 1900 क्विंटल चावल - Prabhat Khabar
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धनबाद : जिले में संचालित 2231 आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के पोषाहार पर संकट बरकरार है. लगभग सभी केंद्रों के बच्चों को मिलने वाला भोजन पूरी तरह से बंद है. चना-चबेना से काम चलाया जा रहा है. दूसरी ओर पोषाहार के लिए विभाग को चावल आवंटित कर दिया गया है, लेकिन एफसीआइ और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की आपसी तालमेल की कमी और मनमुटाव की वजह से आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों का निवाला छिन रहा है. बताया जाता है कि विभाग को आवंटित 1900 क्विंटल चावल एफसीआई गोदाम बरमसिया से भेजा गया, लेकिन धनबाद सीडीपीओ संचिता भगत ने यह कहते हुए चावल वापस कर दिया कि हमारे विभाग के लोगों के समक्ष चावल का वजन नहीं हुआ है. वहीं एफसीआइ के डिविजनल मैनेजर चक्रपाणी सिद्धार्थ का कहना है कि हमें कोई चावल नहीं लौटाया गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि बच्चों का 1900 क्विंटल चावल कहां है?
शनिवार को प्रभात खबर की टीम बापू नगर, अनुग्रह नगर, उड़ियापट्टी, हरिजन टोला आंगनबाड़ी केंद्र पहुंची, तो यहां बच्चों को चना-गुड़ व सूजी का हलवा नाश्ता परोसा गया था. केंद्र की सेविका ने बताया कि अभी तक हमारे पास पोषाहार के लिए चावल नहीं मिला है, हम क्या करें. केंद्र का चार माह का बकाया मानदेय हमें मिला है. कुछ केंद्रों में उससे पोषाहार चलाया जा रहा है. लेकिन दुकानदार चावल उधार नहीं देता है. बच्चे खिचड़ी, भात-दाल सब्जी मांगते हैं, हम उन्हें कैसे समझायें कि पोषाहार का चावल खत्म हुए दो महीने हो गये हैं. चार माह पहले हमें चावल मिला था.
पोषाहार के लिए एफसीआइ गोदाम बरमसिया से हमारे पास चावल भेजा गया था. लेकिन चावल वजन में कितना है, पूछने पर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के कारण वापस कर दिया गया. हमने एफसीआइ गोदाम के डिविजनल मैनेजर से कहा कि चावल भेजने के पहले हमारे पास सूचना भेजे, हम अपने विभाग से किसी को भेज देंगे. उसके सामने वजन कराने के बाद ही चावल भेजें.
संचिता भगत, सीडीपीओ, धनबाद.
15 फरवरी को एफसीआइ गोदाम से चावल सदर कार्यालय भेज दिया गया है. भेजा हुआ सामान वापस नहीं लिया जाता है. हमारे गोदाम में चावल की कोई वापसी नहीं हुई है. जिला में चल रही परियोजना के लिए 1900 क्विंटल चावल सदर कार्यालय में भेजा गया है.
चक्रपाणी सिद्दार्थ, प्रमंडलीय प्रबंधक एफसीआइ
पहले भी विभागीय लापरवाही से सीडीपीओ कार्यालय में रखे 100 बोरे चावल व सोयाबीन सड़ चुके हैं. कोरोना काल 2020 फरवरी में बच्चों के पोषण के लिए लाये गये 100 बोरे चावल, सोयाबीन को आंगनबाड़ी केंद्रों को वितरित नहीं किया गया था. अप्रैल में हुई बारिश में चावल के बोरे भीग गये. इससे उसमें रखा चावल सड़ गया और उसमें कीड़े लग गये थे.