अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स बनेगा दरभंगा एयरपोर्ट का नया टर्मिनल, जानें कितने वर्षों में होगा तैयार - Prabhat Khabar
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Author: Ashish Jha
दरभंगा. लंबे इंतजार के बाद आखिरकार दरभंगा एयरपोर्ट के स्थायी सिविल टर्मिनल के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. आधारभूत संरचना के लिए काम करनेवाली देश की प्रसिद्ध अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स को दरभंगा एयरपोर्ट के लिए नये सिविल टर्मिनल के निर्माण का ठेका मिल गया है. दरभंगा एयरपोर्ट के नये स्थायी टर्मिनल को लेकर लेआउट पहले ही तैयार हो चुका है. कुल 572 करोड़ की इस परियोजना पर अब काम शुरू होने का सबको इंतजार है. सरकार ने अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स इस परियोजना को पूरा करने के लिए दो वर्षों का समय निर्धारित किया है. ऐसे में 2027 से पहले इस स्थायी टर्मिनल का निर्माण पूरा कर लिया जाना है.
कुल 66600 वर्ग मीटर क्षेत्र बनने जा रहे इस नये स्थायी सिविल टर्मिनल का टेंडर फाइनल होने के बाद अब इसके शिलान्यास को लेकर चचाएं हो रही हैं. कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले इस नये टर्मिनल का शिलान्यास हो जायेगा. माना जा रहा है कि अगले माह के पहले सप्ताह में इस नये स्थायी टर्मिनल का शिलान्यास किया जायेगा. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस नये टर्मिनल समेत कुछ अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के शिलान्यास के लिए अगले माह बिहार आ सकते हैं. हालांकि अब तक आधिकारिक तौर पर उनके कार्यक्रम की कोई सूचना नहीं है.
दरभंगा एयरपोर्ट का मुख्य टर्मिनल दो फेज में बनेगा. टर्मिनल की पूरी क्षमता सालाना 42.5 लाख यात्रियों की होगी. व्यस्ततम अवधि में यहां से एक साथ 2000-500 यात्रियों की आवाजाही हो सकती है. दरभंगा एयरपोर्ट के लेआउट प्लान के अनुसार दरभंगा एयरपोर्ट का स्थायी सिविल टर्मिनल 54 एकड़ में बनेगा. जो एयरपोर्ट के दक्षिण होगा और नार्थ-ईस्ट कोरिडोर यानी एनएच-57 से जुड़ेगा. राज्य सरकार की ओर से दी गयी 24 एकड़ अतिरिक्त जमीन पर रनवे का विस्तार और रात में टेकआफ और लैंड करने की सुविधा के लिए आइएलएस सिस्टम लगाया जायेगा.
उड़ान योजना के तहत लगातार दूसरे साल नबंर वन बने इस एयरपोर्ट के विकास के लिए वर्षों से मांग की जा रही है. दरभंगा एयरपोर्ट के नये टर्मिनल के लिए राज्य सरकार ने करीब 80 एकड़ जमीन नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सौंपी है. केंद्र सरकार अब उस जमीन पर सुविधाओं का विकास करने जा रही है. वैसे दरभंगा एयरपोर्ट के नये टर्मिनल की क्षमता को लेकर स्थानीय लोगों में रोष है. लोगों का कहना है कि दरभंगा जैसे व्यस्त एयरपोर्ट का टर्मिनल क्षमता महज 42.5 लाख यात्रियों का है, जो अन्य समतुल्य एयरपोर्ट के मुकाबले काफी कम है. एयरपोर्ट आंदोलन से जुड़े अविनव सिन्हा कहते हैं कि दरभंगा और पटना एयरपोर्ट पर टर्मिनल निर्माण का तुलनात्मक समीक्षा करें तो दरभंगा में प्रस्तावित टर्मिनल के लिए अधिक जमीन अधिग्रहण होने के बाद भी क्षमता को कम कर दिया है. ऐसे में यहां सुविधाओं का अभाव हमेशा बना रहेगा.
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अगले 30 साल के प्लान में 42.5 लाख यात्री बेहद कम अनुमान है. उन्होंने कहा कि पटना बिल्डिंग का एरिया करीब 65,135 वर्ग मीटर का है. इसमें सालाना 80 लाख यात्रियों और पीक ऑवर में 3,000 यात्रियों के ठहरने की क्षमता है, जबकि दरभंगा में 66600 वर्ग मीटर क्षेत्र होने के बाद भी क्षमता मात्र 42.5 लाख यात्रियों का. मुकेश कहते हैं कि 2015 में पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए 60 लाख क्षमता का टर्मिनल निर्माण का प्रस्ताव था, लेकिन 2025 में मात्र 15 लाख क्षमता का टर्मिनल, जहां अभी भी 10 लाख यात्री सफर कर रहा है.
अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड ने हाल ही में लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अत्याधुनिक टर्मिनल के निर्माण का भी कम बोली लगाकर टेंडर पाया है. इससे पहले इस कंपनी ने देहरादून एयरपोर्ट समेत कई और एयरपोर्ट टर्मिनल का निर्माण कर चुकी है. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), ने इस कंपनी को वाराणसी में 75,220 वर्गमीटर में नये टर्मिलनल के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी है. परिकल्पित टर्मिनल में 8 एयरोब्रिज, 72 चेक-इन काउंटर, 14 सुरक्षा जांच काउंटर और 6 बैगेज क्लेम बेल्ट शामिल हैं.