Stay on this page and when the timer ends, click 'Continue' to proceed.

Continue in 17 seconds

हारा वो जो लड़ा नहीं! दिव्यांग होने के बाद भी जीता जहां, 500 महिलाओं को भी बनाया आत्मनिर्भर

हारा वो जो लड़ा नहीं! दिव्यांग होने के बाद भी जीता जहां, 500 महिलाओं को भी बनाया आत्मनिर्भर

Source: News18 India

कालू राम जाट/ दौसा: दिव्यांगता को अभिशाप नहीं, अपनी विशेष योग्यता मानकर शहर के पूनम टॉकीज के पीछे रहने वाली सुनीता गुप्ता ने अपने हुनर के दम पर इसे सार्थक करते हुए समाज में प्रेरणास्पद नजीर पेश की है. दिव्यांग सुनीता ने आजीविका के लिए 20 साल पहले 6 माह तक रोज जयपुर जाकर आर्टिफिशियली ज्वेलरी बनाने का जो हुनर सीखा, उसी कला से क्षेत्र की 500 से ज्यादा बेरोजगार महिलाओं को पारंगत कर उन्हें भी आत्मनिर्भर बनाने का काम किया. अब ये महिलाएं 5 से 10 हजार रुपए मासिक आय अर्जित कर रही है.

दरअसल, 4 दिसंबर 1970 को जन्मीं सुनीता गुप्ता दिव्यांग होने के बावजूद जिंदगी को जद्दोजहद में अपने हुनर के दम पर पास हुई है. 1992 में दिव्यांग गिर्राज प्रसाद गुप्ता के साथ शादी हुई 2 बेटियों को मां 70 प्रतिशत दिव्यांगता होने के बावजूद शारीरिक अक्षमता को कभी भी कमजोरी नहीं बनने दिया. सुनीता की प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने से जिले का भी मान बढ़ा है. अभी वे कई संस्थाओं की मदद से शहरी व ग्रामीण महिलाओं को आर्टिफिशियली ज्वेलरी, कारीगरी, कढ़ाई बुनाई आदि सिखाने का काम कर रही है. सुनीता गुप्ता का मकसद विशेषकर दिव्यांगजनों को स्वावलंबी बनाना है. सुनीता राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी लगा चुकी है और कई सम्मान अर्जित कर चुकी है. जिला प्रशासन ने भी विविध जन जागरूकता कार्यक्रमों के लिए ब्रांड एंबेसडर बनाया है.

पीएम मोदी क चुके हैं सम्मानित

सुनीता गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2010 में मेरा एक्सीडेंट हो गया था तब भी मैने हिम्मत नहीं हारी. मैंने कभी नहीं सोचा कि मैं दिव्यांग हूं और कुछ नहीं कर सकती. मुझे चुनौतियां आई, लेकिन मैने सहजता से उन्हें किनारे करती हुई आगे बढ़ती चलती रही और इंटरनेट एक्सीबीशन से मैं पूरी अपडेट रहती हूं . प्रधानमंत्री के हाथों सम्मानित होकर खुशी मिली है. सुनीता ने बताया कि कभी भी कमजोरी को हावी नहीं होने दें, लक्ष्य निर्धारित कर उसी दिशा में प्रयास शुरू कर देना चाहिए.

सफलता निश्चित है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से 2022 में एमएसएमई की मैन्युफैक्चरिंग दिव्यांग कैटेगिरी में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित दौसा की सुनीता गुप्ता ने कहा कि सपने में भी नहीं सोचा था कि वह प्रधानमंत्री के हाथों सम्मानित होंगी, लेकिन यह सच हो गया तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा था.