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'विधायक या कोई नामी शख्स देश के कानून से ऊपर नहीं', दिल्ली हाई कोर्ट ने क्यों कही ये बात

'विधायक या कोई नामी शख्स देश के कानून से ऊपर नहीं', दिल्ली हाई कोर्ट ने क्यों कही ये बात

Source: Navbharat Times
Author: प्राची यादव, अनिल कुमार

नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने ओखला विधानसभा से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी। खान दिल्ली वक्फ बोर्ड में विवादित नियुक्तियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी से राहत की मांग लेकर हाई कोर्ट पहुंचे थे। याचिका ठुकराते हुए कोर्ट ने कहा कि कानून बनाने वालों को भी कानून की अवहेलना के अंजाम के बारे में पता होना चाहिए। विधायक की ओर से मामले की जांच में असहयोग पर कोर्ट ने कहा कि कोई भी विधायक या लोकप्रिय हस्ती देश के कानून से ऊपर नहीं होता।वक्फ बोर्ड में अवैध तरीके से भर्ती के सबूत

जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने जजमेंट में कहा कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच के दौरान जमा किए गए अहम सबूतों से पता चलता है कि आवेदक ने कथित तौर पर दिल्ली वक्फ बोर्ड में अवैध तरीके से भर्तियां कीं। बोर्ड की संपत्तियों को अनुचित तरीके से पट्टे पर देकर अपनी भ्रष्ट और अवैध गतिविधियों से अपराध की आय की रूप में मोटा पैसा बनाया। ये सब 2015 के बाद तब हुआ जब वह DWB के अध्यक्ष और ओखला विधानसभा के विधायक के रूप में एक लोक सेवक थे।

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अवैध तरीके से कमाई कर अचल संपत्ति

अवैध तरीके से कमाई गई रकम से अपने करीबी साथियों-जीशान हैदर, दाऊद नासिर और अन्य के नाम से अचल संपत्ति खरीदी। उन्होंने जीशान हैदर और दाउद नासिर जैसे बेनामीदारों के नाम से अचल संपत्ति बनाई। साथ ही वह भी जमीन की असल कीमत छिपाकर जो सेल्स वेल्यू के मुकाबले बहुत कम थी। कोर्ट ने कहा कि विधायक के पास अगर छिपाने के लिए कुछ नहीं था और जांच एजेंसी उन्हें बुला रही थी तो वह जांच में शामिल होकर अपनी स्थिति साफ करते।

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मौलिक अधिकारों पर कोर्ट की दलीलमौलिक अधिकारों से जुड़ी दलील पर कोर्ट ने कहा कि किसी अपराध की जांच करने के जांच एजेंसी के अधिकार का बलिदान नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि कानून बनाने वालों को भी पता होना चाहिए कि कानून की अवहेलना का अंजाम क्या हो सकता है।