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100 किलोमीटर की भागमभाग, फिर दिल्ली पुलिस ने यूं अगवा बच्चे को रिहा कराया

100 किलोमीटर की भागमभाग, फिर दिल्ली पुलिस ने यूं अगवा बच्चे को रिहा कराया

Source: Navbharat Times
Author: सत्यकाम अभिषेक

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के 24 जवानों की टीम। सैकड़ों सीसीटीवी को खंगाला। खेतों, मंदिरों और ढाबों में डेरा डाला। स्थानीय लोगों से पूछताछ की। घर-घर तलाशी ली। आखिरकार पिछले रविवार को वो अपहर्ताओं को बुलंदशहर और संभल के बीच एक रेलवे स्टेशन पर पकड़ने में सफल रहे। इस 100 किलोमीटर की भागमभाग में पुलिस जवानों को पांच दिन लग गए, लेकिन अंत में वह 7 साल के बच्चे को सुरक्षित छुड़ाने में कामयाब रहे। ये बच्चा पूर्वोत्तर दिल्ली के दयालपुर में रहता था और अपहरणकर्ता उसका ही पड़ोसी था। बच्चे को उसके माता-पिता के पास वापस लाया गया।बच्चे को मारने की कोशिशवीरेश उर्फ वीरू (46) ने 13 मार्च को एक 7 साल के बच्चे का अपहरण कर लिया था। उसने ऐसा अपने परिवार से बदला लेने और उनसे पैसे वसूलने के लिए किया था। वह बच्चे को लेकर संभल चला गया और फिर उसके माता-पिता को फोन करके फिरौती मांगी। पुलिस उसका पीछा कर रही थी, इसलिए वीरेश ने भागते समय बच्चे को डूबाने की भी कोशिश की। इसके बाद वह उसे राजगढ़ के लोकल रेलवे स्टेशन ले गया। वो किसी दूसरे राज्य में भागने की फिराक में था। लेकिन वहीं उसे पुलिस ने पकड़ लिया। उस पर फिरौती के लिए अपहरण और हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया गया है।

अपहरण के कुछ घंटे बाद ही पुलिस को आया फोनलड़का गुम होने के कुछ ही घंटों के बाद पुलिस को फोन आया। दयालपुर के थानाध्यक्ष (एसएचओ) अतुल त्यागी के नेतृत्व में एक पुलिस टीम तुरंत हरकत में आई। सीसीटीवी फुटेज देखने और कुछ तकनीकी जांच करने के बाद, पुलिस संदिग्धों की पहचान करने में सफल रही। वीरेश को आखिरी बार संभल के एक मंदिर में देखा गया था और जल्द ही पुलिस टीम उसकी तलाश में वहां पहुंच गई।

पुलिस को करनी पड़ी कड़ी मशक्कतपुलिस के जवानों को अपहरणकर्ता को पकड़ने में काफी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। बच्चे और अपहरणकर्ता की तस्वीरें गांव वालों को दिखाई गईं, लेकिन इससे कोई खास मदद नहीं मिली। इसके बाद, पुलिस की टीम ने संभल में धर्मशालाओं और अलग-अलग मंदिरों की तलाशी ली। मस्जिदों और मंदिरों में भी बच्चे के बारे में अनाउंसमेंट करवाई गई। बाद में, उन्हें राजगढ़ में बच्चे के होने की सूचना मिली। टीम तुरंत गांव पहुंची और सरपंच से संपर्क किया। ग्रामीणों के साथ मिलकर उन्होंने घर-घर जाकर तलाशी ली।

यूं पकड़ में आया वीरेशडीसीपी जॉय तिर्की ने बताया कि एक सूचना के आधार पर, कुछ पुलिसकर्मी लोकल रेलवे स्टेशन पहुंचे और वहां छिपे हुए वीरेश को देख लिया। पुलिस को देखते ही वह बच्चे को छोड़कर भागने की कोशिश करने लगा। लेकिन पीछा करने के बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया।