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कब्र में दफन हुआ मुख्तार अंसारी.. जनाजे में लोगों का सैलाब, नारेबाजी के बीच कंट्रोल करने में पुलिस के छूटे पसीने

कब्र में दफन हुआ मुख्तार अंसारी.. जनाजे में लोगों का सैलाब, नारेबाजी के बीच कंट्रोल करने में पुलिस के छूटे पसीने

Source: Navbharat Times

गाजीपुर: बाहुबली और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को गाजीपुर में कड़ी सुरक्षा के बीच सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। मोहम्मदाबाद के पास कालीबाग कब्रिस्तान में मां-बाप की कब्र के पास शनिवार सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर मुख्तार को दफन कर दिया गया। इस दौरान भारी संख्या में अंसारी परिवार के समर्थकों की भीड़ बहुत बड़ी संख्या में उमड़ पड़ी। जनाजे की नमाज के दौरान लोग कब्रिस्तान के भीतर जाने के लिए होड़ मचाते दिखे। बेटे उमर अंसारी और भाई अफजाल अंसारी की मौजूदगी में प्रक्रिया पूरी कराई गई। भीड़ कंट्रोल करने में पुलिस को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा। इस दौरान लोगों ने नारेबाजी भी की।मुख्तार के इंतकाल के बाद शनिवार की सुबह जनाजे की नमाज के बाद कालीबाग कब्रिस्तान के बाहर मौजूद हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ भीतर घुसने को बेताब दिखी। इस दौरान पुलिस ने सुरक्षा घेरा बनाकर लोगों को गेट से दूर किया। इसके बाद मौजूद लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। वहीं, कब्रिस्तान में मुख्तार की बॉडी को सुरक्षित अंदर ले जाया गया। उसे दफनाने की प्रक्रिया को पूरा कराया जाता रहा।

कब्रिस्तान में मौजूद रहे अफजाल और उमर

मुख्तार अंसारी का सुपुर्दे खाक के लिए कालीबाग कब्रिस्तान में परिवार के लोग पहले से पहुंच गए। मुख्तार के भाई गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी और छोटा बेटा उमर अंसारी कब्रिस्तान में मौजूद रहे। इनके अलावा बड़ी संख्या में मुख्तार समर्थक वहां मौजूद हैं। बड़ा बेटा अब्बास अंसारी अभी कासगंज जेल में बंद है। उसे जनाजे में शामिल होने के लिए जमानत नहीं मिली।

मुख्तार को कंधा देने के लिए मच गई होड़

मुख्तार अंसारी के समर्थकों के बीच उसको कंधा देने के लिए होड़ मची रही। ऐसे लग रहा था कि लोगों ने मुख्तार के जनाजे को चारों तरफ से घेर लिया है। उसका जनाजा आगे बढ़ नहीं पा रहा था। एक बार हाथ लगा देने के लिए सैलाब उमड़ पड़ा। गेट खुलते ही लोग कब्रिस्तान में अंदर की तरफ घुसने लगे। पुलिस ने किसी तरह से गेट बंद कर लोगों की भीड़ को दूर किया।

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इससे पहले कालीबाग कब्रिस्तान पर पुलिस, पीएसी और अर्द्धसैनिक बलों ने मोर्चा संभाला हुआ था। देर रात एक बजे ही मुख्तार की बॉडी बांदा से गाजीपुर में पैतृक आवास तक लाई गई। देर रात लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे। समर्थकों का आना-जाना लगा हुआ है।