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सनातन विरोधी नारा नहीं लगा सकते, गौरव वल्लभ का कांग्रेस से इस्तीफा, बोले- दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है पार्टी

सनातन विरोधी नारा नहीं लगा सकते, गौरव वल्लभ का कांग्रेस से इस्तीफा, बोले- दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है पार्टी

Source: Navbharat Times

जमशेदपुर: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। गौरव वल्लभ ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे गए त्यागपत्र में कहा-'कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसमें मैं ख़ुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा। मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता। इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहा हूं।

सच को छुपाना भी अपराध, मैं भागी नहीं बनना चाहता

गौरव वल्लभ ने अपने त्यागपत्र में लिखा- भावुक हूं और मन व्यथित है। काफी कुछ कहना चाहता हूं, लिखना चाहता हूं और बताना चाहता हूं। लेकिन मेरे संस्कार ऐसा कुछ भी कहने से मना करते हैं। फिर भी मैं आज अपनी बातों को आपके समक्ष रख रहा हूं, क्यों उन्हें लगता है कि सच को छुपाना भी अपराध है। ऐसे में मैं अपराध का भागी नहीं बनना चाहता।

कांग्रेस पार्टी में युवाओं और आइडिया का कद्र नहीं

गौरव वल्लभ ने कहा-'जब मैंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन किया, तब मेरा मानना था कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है, जहां पर युवा, बौद्धिक लोगों की, उनके आइडिया की कद्र होती है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में महसूस हुआ कि पार्टी का मौजूदा स्वरूप नए आइडिया वाले युवाओं के साथ खुद को एडजस्ट नहीं कर पाती। पार्टी का ग्राउंड लेवल कनेक्ट पूरी तरह से टूट चुका है, जो नए भारत की आकांक्षा को बिल्कुल भी नहीं समझ पा रही है, जिसके कारण न तो पार्टी में आ पा रही है और ना ही मजबूत विपक्ष की भूमिका ही निभा पा रही हैं। इससे मेरे जैसे कार्यकर्ता हतोत्साहित होता है। बड़े नेताओं और जमीन कार्यकर्ताओं के बीच की दूरी पाटना बेहद कठिन है, जो राजनैतिक रूप से जरूरी है। जब तक एक कार्यकर्ता अपने नेता को डायरेक्ट सुझाव नहीं दे सकता, तब तक किसी भी प्रकार का सकारात्मक परिवर्तन संभव नहीं है।