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आत्मनिर्भर भारत के लिए साउथ कोरिया की कंपनी बना रही है यहां फैक्ट्री, जान लीजिए क्या बनाया जाएगा!

आत्मनिर्भर भारत के लिए साउथ कोरिया की कंपनी बना रही है यहां फैक्ट्री,  जान लीजिए क्या बनाया जाएगा!

Source: Navbharat Times

नई दिल्ली: वह जमाना याद कीजिए जबकि अपने यहां रेलवे (Indian Railways) ने जर्मन कंपनी एलएचबी (LHB) के अत्याधुनिक डिब्बे मंगाए थे। इसके बाद ट्रेन के ये डिब्बे यहीं कपूरथला (RCF Kapurthala) में बनने लगे। बाद में इन रेल डिब्बों का निर्माण आईसीएफ, चेन्नई (ICF Chennai) में भी किया जाने लगा। अब तो भारत में मेट्रो रेल (Metro Rail) और रैपिड रेल (Rapid Rail) के भी डिब्बे बनने लगे हैं। ये डिब्बे बनने तो लगे भारत में ही, लेकिन अभी भी इन डिब्बों के कुछ महत्वपूर्ण कल-पुर्जे (Components) विदेश से ही मंगाए जा रहे हैं। लेकिन अब कुछ महत्वपूर्ण कल-पुर्जों का इंपोर्ट नहीं करना होगा। इसके लिए साउथ कोरिया (South Korea) की कंपनी युजिन मशीनरी (Yujin Machinery Ltd) यहीं फैक्ट्री लगा रही है। इसके लिए कंपनी ने एटी रेलवे सब सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड (AT Railway Sub Systems Private Limited) नाम कंपनी से हाथ मिलाया है।क्या हुआ है डेवलपमेंट

रेलवे के कंपोनेंट बनाने वाली एक कंपनी है सिडवाल रेफ्रिजरेशन इंडस्ट्रीज (Sidwal Refrigeration Industries)। यह अंबर ग्रुप की कंपनी है। इसी की होली ऑन्ड सब्सिडियरी कंपनी है एटी रेलवे सब सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड (AT Railway)। इसी कंपनी ने साउथ कोरिया की कंपनी युजिन मशीनरी लिमिटेड (Yujin Machinery) से एक करार किया है। इसके तहत भारत में एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी (Joint Venture Company) बनाने का समझौता हुआ। यह कंपनी भारत में रेल डिब्बों के लिए ड्राइविंग गियर (Driving Gears), कॅपलर (Couplers) और पेंटोग्राफ (Pantographs) जैसे महत्वपूर्ण साजो-सामान बनाएगी। इन कल-पुर्जों का उपयोग रैपिड रेल (Regional rapid transit systems) के डिब्बों, वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat trains) के डिब्बे, मालगाड़ी के डिब्बों (wagons), ट्राम (Trams) के डिब्बों और रेलवे के अन्य रॉलिंग स्टॉक में भी होगा। इस ज्वाइंट वेंचर में एटी रेलवे का का मेजोरिटी स्टेक होगा।

आत्मनिर्भर भारत का सपना होगा पूरा

पीएम मोदी (PM Modi) भारत को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि इस समय जिन वस्तुओं का धड़ल्ले से आयात हो रहा है, उन चीजों को भारत में ही बनाया जाए। इससे एक तरफ आयात में खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा की बचत होगी तो दूसरी तरफ भारत आत्मनिर्भर बनेगा। इन चीजों को बनाने में यहां के लोगों को रोजगार मिलगा। साथ ही इन वस्तुओं को निर्यात के दरवाजे भी खुलेंगे। क्योंकि पश्चिम के देशों के मुकाबले भारत में मजदूरी की दर कम है। इसलिए यहां किसी भी वस्तु के बनाने में खर्च कम पड़ता है।

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रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन

इस समय सरकार का जोर रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के अपग्रेडेशन (Railway Infrastructure Upgradation) पर है। तभी तो साल 2024-25 के लिए संसद में पेश अंतरिम बजट में भारतीय रेल के लिए रिकार्ड 2.55 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यदि पिछले साल के बजट में रेलवे के लिए आवंटित हुई राशि की तुलना करें तो इस साल 5.8 फीसदी ज्यादा आवंटन हुआ है। मतलब साफ है कि पूरे देश में रेलवे तंत्र (Railway System) में एक बार फिर से नई जान फूंकनी है। तभी तो दुनिया भर की कंपनियां भारत आने को उत्सुक हैं। वैसे भी, भारत में रेलवे सब सिस्टम का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। अनुमान है कि अगले पांच-छह साल में यह 75 हजार से 80 हजार करोड़ रुपये के बीच होगा।

कौन है युजिन मशीनरी

साउथ को कोरिया की कंपनी युजिन मशीनरी YUJIN Machinery Ltd. की स्थापना साल 1972 में हुई है। इसका मुख्यालय दक्षिण कोरिया में ही है। यह कंपनी रेलवे के रोलिंग स्टॉक के लिए बेहतरीन कल-पुर्जे बनाने के लिए दुनिया भर में जानी जाती है। इनमें ब्रेक सिस्टम (Brake Operating Unit, Air Supply Unit, and Bogie Brake), कपलर्स, ड्राइविंग गियर, पेंटोग्राफ, डोर कंट्रोल सिस्टम आदि।