Raj Thackeray: पीएम नरेंद्र मोदी न होते, तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी नहीं बनता राम मंदिर, राज ठाकरे का दावा
Source: Navbharat Times
मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने दावा किया कि केंद्र में मोदी न होते, तो राम मंदिर न बनता। न्यायालय के आदेश के बाद भी राम मंदिर का निर्माण नहीं हो पाता। राज ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से दो टूक शब्दों में कहा कि जो लोग मेरी भूमिका से सहमत नहीं हैं, वे निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। राज ठाकरे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मनसे नेताओं की एक सूची तैयार करेगी जिनसे 'महायुति' गठबंधन के नेता चुनावी समन्वय के लिए संपर्क कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने इन सवालों को टाल दिया कि क्या वह महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना और एनसीपी के सत्तारूढ़ गठबंधन 'महायुति' के पक्ष में रैलियों को संबोधित करेंगे।
महायुति समर्थित प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार को कहा
दरअसल गुड़ी पड़वा के दिन राज ठाकरे ने शिवाजी पार्क से लोकसभा चुनाव में बिना शर्त मोदी को समर्थन देने की घोषणा की थी। राज ठाकरे के इस निर्णय से कुछ कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने की खबर आई थी, जिसके बाद उन्होंने शनिवार को अपनी पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें महायुति समर्थित प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने का निर्देश दिया। राज ने कहा कि पिछले पांच साल में बड़े बदलाव हुए हैं, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका का स्वागत किया गया है। राम मंदिर निर्माण, धारा 370 जैसे कई अच्छे फैसले प्रधानमंत्री ने लिए हैं। उन्होंने कहा कि मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने तथा राज्य में किलों की मरम्मत समेत उनकी कुछ मांगें हैं, जिनके बारे में बीजेपी को बताया जाएगा।पीएम की सराहना
राज ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि यदि नरेंद्र मोदी केंद्र में नहीं होते, तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी राम मंदिर का निर्माण नहीं हो पाता। आज भी यह पेंडिंग ही रहता। उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना राज ने कहा कि उनकी 'आखों में पीलिया' हो गया है।
मोदी न होते तो नहीं बनता मंदिर
राज ठाकरे ने कहा कि यदि नरेंद्र मोदी (केंद्र की सत्ता में) नहीं होते तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी राममंदिर का निर्माण नहीं हो पाता। यह लंबित मुद्दा बना रहता। नवंबर, 2019 में एक ऐतिहासिक फैसले में उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में विवादित स्थल पर राममंदिर के निर्माण की कानूनी बाधा दूर कर दी थी। इस साल 22 जनवरी को राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ। राज ठाकरे ने कहा कि राममंदिर के निर्माण का मामला 1992 से लंबित था जब विवादित ढांचा गिराया गया था।
बीजेपी के समर्थन पर सफाई
बीजेपी को मनसे के समर्थन पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी अच्छी बाते हैं, जिनकी सराहना करने की जरूरत है। एक तरफ, एक अक्षम (नेतृत्व) है और दूसरी तरफ, मजबूत नेतृत्व है। इसलिए हमने नरेंद्र मोदी का समर्थन करने के बारे में सोचा। मोदी के प्रति उनके समर्थन में 'खामियां ढ़ूढ़ने' को लेकर अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) पर पलटवार करते हुए मनसे प्रमुख ने कहा कि उनकी 'आखों में पीलिया' हो गया है।
मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग
राज ठाकरे ने कहा कि मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने तथा राज्य में किलों की मरम्मत समेत महाराष्ट्र को लेकर उनकी कुछ मांगें हैं जिनके बारे में बीजेपी को बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि गुजरात मोदी को प्रिय है क्योंकि वह वहां से आते हैं, लेकिन उन्हें उसी तरह से अन्य राज्यों पर भी ध्यान देना चाहिए।