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कॉन्स्टेबल पति ने मारा बड़े अफसरों को सैल्यूट, तो दिल की लगी बात... और फिर यूं IPS बनी दो बच्चों की मां

कॉन्स्टेबल पति ने मारा बड़े अफसरों को सैल्यूट, तो दिल की लगी बात... और फिर यूं IPS बनी दो बच्चों की मां

Source: Navbharat Times

नई दिल्ली: एन अंबिका की उम्र उस वक्त महज 14 साल थी, जब परिवार ने उनकी शादी तय कर दी। अंबिका के पति पुलिस में कॉन्स्टेबल की नौकरी करते थे। सरकारी नौकरी को देखते हुए सभी इस शादी के लिए राजी भी हो गए। शादी के बाद कुछ वक्त बीता, तो अंबिका ने एक बच्चे को जन्म दिया। 18 साल की होते-होते वो दो बच्चों की मां बन गईं। ध्यान रखने वाल पति, सरकारी नौकरी, दो बच्चे और हंसता-खेलता परिवार... अंबिका की जिंदगी में सबकुछ ठीक चल रहा था। लेकिन, एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि अंबिका ने एक बड़ा फैसला ले लिया। ये फैसला था आईपीएस अधिकारी बनने का। खेलने-कूदने की उम्र में जिसकी शादी हो गई हो, जिसके ऊपर परिवार के अलावा दो-दो बच्चों की जिम्मेदारी हो... उसके लिए आईपीएस बनना तो दूर, सोचना भी असंभव जैसा था।अंबिका के आईपीएस बनने की कहानी शुरू करें, इससे पहले आपको उस घटना के बार में बताते हैं, जिसकी वजह से उन्होंने इतना बड़ा फैसला लिया। वो गणतंत्र दिवस का दिन था। अंबिका अपने बच्चों के साथ गणतंत्र दिवस की परेड देखने पहुंचीं। परेड के दौरान अंबिका ने अपने कॉन्स्टेबल पति को आईपीएस अधिकारियों को सैल्यूट करते हुए देखा। उसने देखा कि आईपीएस अधिकारियों का एक अलग ही सम्मान मिलता है। बस यही बात अंबिका के दिल को लग गई। उन्होंने ठान लिया कि वो आईपीएस अधिकारी बनेंगी। पति ने सुना तो पहले मजाक में टाल दिया। बात ही कुछ ऐसी थी। कोई नहीं सोच सकता था कि दो बच्चों की मां एक दिन आईपीएस बनकर दिखा देगी।

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10वीं तक पढ़ी अंबिका का IPS बनने का सफरलेकिन, अंबिका अपने फैसले पर अटल थीं। अब पति ने भी फैसला किया कि वो इस सपने को सच साबित करने में अंबिका का साथ देंगे। तमिलनाडु की रहने वालीं अंबिका के सामने चुनौतियां कई थीं, लेकिन वो अपना मन बना चुकी थीं। परिवार भी हौसला बढ़ाने के लिए साथ खड़ा था। उन्होंने फिर से पढ़ाई शुरू की। महज 10वीं तक पढ़ी अंबिका ने सबसे पहले 12वीं और इसके बाद ग्रेजुएशन की परीक्षा पास की। अब उन्हें यूपीएससी की तैयारी में जुटना था। वो अपने पति और बच्चों के साथ चेन्नई शिफ्ट हो गईं। यहां उनके पति ने अपनी ड्यूटी के साथ-साथ बच्चों की जिम्मेदारी को भी संभाल लिया। अब अंबिका का लक्ष्य उनके सामने था।

तीन बार मिली नाकामयाबी, चौथी बार जीत लिया किलाहालांकि, मंजिल तक पहुंचने की उनकी राह इतनी आसान नहीं थी। अंबिका ने तैयारी की और यूपीएससी की परीक्षा में बैठीं। पहले प्रयास में ही उन्हें असफलता मिली। फिर दूसरी और तीसरी कोशिश भी नाकामयाब रही। उनके पति की हिम्मत कुछ टूट गई और कहा कि वापस घर चलते हैं। लेकिन, अंबिका की हिम्मत ने अभी जवाब नहीं दिया था। उन्होंने कहा कि वो एक आखिरी बार फिर से कोशिश करना चाहती हैं। उन्होंने रणनीति बदलकर एक बार फिर तैयारी शुरू की। अंबिका की मेहनत रंग लाई। आखिरकार 2008 की यूपीएससी परीक्षा की मेरिट लिस्ट में अंबिका का नाम आ गया। अंबिका ने दिखा दिया था कि अगर कुछ कर गुजरने की चाह हो, तो फिर दुनिया की बड़ी से बड़ी मुश्किल आपका रास्ता नहीं रोक सकती।