सुबह 4:30 पर दिन शुरू, रात 2 बजे सोना, AAP उम्मीदवार सोमनाथ भारती कैसे कर रहे चुनाव प्रचार?
Source: Navbharat Times
नई दिल्ली: सुबह के 9 बजकर 40 मिनट हुए थे। तेज धूप की तपिश महसूस होने लगी थी। तालकटोरा स्टेडियम के पास बसी क्लस्टर कॉलोनी में शांति छाई हुई थी। एक दो बच्चे अपने घरों के बाहर खेलते नजर आ रहे थे। आम आदमी पार्टी के कुछ वॉलंटियर्स घर घर जाकर लोगों को बता रहे थे कि पार्टी के उम्मीदवार पहुंचने वाले हैं। तभी सोमनाथ भारती पहुंचे। उनके साथ कुछ पार्टी के कार्यकर्ता भी थे। कार्यकर्ताओं ने पहुंचते ही छोटे से लाउडस्पीकर से नारेबाजी शुरू की। एक के बाद एक लोग अपने अपने घरों से निकलने लगे। कुछ ही देर में अच्छे खासे लोग जमा हो गए और उम्मीदवार का जनता से बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया।
'हम तो आपके ही वोटर हैं'
सोमनाथ भारती खड़े खड़े ही लोगों से बात करने लगे। पहले उन्होंने पार्टी की बात रखी, फिर अपने काम गिनाए। इस दौरान बीजेपी पर काम नहीं करने के आरोप भी लगाए। भीड़ में अधिकांश महिलाएं थीं, उनमें से एक आगे आकर बोलती हैं कि हम तो आपके ही वोटर हैं, सभी हंसने लगे। इस बीच सुमन नाम का एक युवक आगे आया और कहा कि हमारे इलाके के कई काम अटके हुए हैं, जिसमें से एक सीसीटीवी कैमरा, सीवर लाइन आदि हैं। इस दौरान कुछ अन्य महिलाओं ने भी अपनी परेशानी रखी। फिर उन्होंने कहा कि काम करने की गारंटी मेरी है। महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा, 'ठीक है दीदी, अब तो ठीक है। मेरी दरख्वास्त मंजूर हो गई है ना। लगता है अब राजी हो गए हमारे लोग।'
जनता के सवालों के देते रहे जवाब
यहां से सोमनाथ अपनी दूसरी पब्लिक मीटिंग के लिए निकले। रास्ते में अपनी गाड़ी पर ही आगे की प्लानिंग करते रहे। अपनी टीम से बात करते रहे। 10 बजकर 15 मिनट पर आरएमएल अस्पताल के पास के स्टॉफ क्वाटर्स पहुंचे। यहां पहुंचते ही उन्होंने लोगों से गले मिलकर अभिनंदन शुरू किया। बातचीत के दौरान एक महिला बोल उठी, महंगाई आप कम करो। इस पर सोमनाथ ने कहा कि आप सभी को याद होगा, बीजेपी वाले पहले कहते थे कि जब वोट डालने जाओ तो सिलेंडर देख कर जाना। मैं आज उन्हीं की बात आपको कह रहा हूं, इस बार वोट डालने जाना तो सिलेंडर देखते हुए जाना। चार सौ का सिलेंडर 11 सौ का हो गया है।
रात के 2 बजे से पहले नहीं सो पाते
फिर काफिला अगली मीटिंग के लिए निकला। गाड़ी में बैठते ही सबसे पहले गर्म पानी पीया। इतनी गर्मी में गर्म पानी। गले से मुश्किल से आवाज निकल रही थी। इसलिए गर्म पानी ही बेहतर विकल्प है। पूछे जाने पर बताया कि साढ़े चार बजे उठ जाता हूं। 5 से 6 बजे के बीच मेडिटेशन करता हूं। इसके बाद शुरू हो जाता है चुनाव प्रचार का दौर। कभी गाड़ी में ही ब्रेकफास्ट करता हूं, दवा साथ लेकर चलता हूं। लंच या डिनर का कोई फिक्स समय नहीं है। चुनाव प्रचार की यह एक्टिविटी तो अब रात के 12 बजे तक चलेगी। रात दो बजे से पहले सोना नहीं हो पाता है। मुश्किल तो है, लेकिन नामुमकिन नहीं, इसलिए लगा हुआ हूं।