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एग्जाम से एक दिन पहले पिता की हत्या.. अगले दिन वो साहस, इस वीर बिटिया को सलाम है

एग्जाम से एक दिन पहले पिता की हत्या.. अगले दिन वो साहस, इस वीर बिटिया को सलाम है

Source: Navbharat Times

जयपुर: राजस्थान के भीलवाड़ा में हमीरगढ़ तहसील में आने वाला एक छोटा सा गांव है तखतपुरा। 22 फरवरी 2024 को इस गांव के एक घर में चीख पुकार मची थी। घर के अंदर से रोने की आवाजें आ रही थीं। पूछने पर पता चलता है कि घर के मुखिया मोहन लाल अहीर की किसी ने हत्या कर दी है। हत्या जमीनी विवाद के चलते हुई थी। पुलिस की कार्यवाही होती है और मोहन लाल का अंतिम संस्कार कर दिया जाता है। इस घटना के अगले ही दिन मोहन लाल की बेटी लक्ष्मी अहीर की अंग्रेजी की परीक्षा थी। लेकिन, गम में डूबे परिवार में किसी ने नहीं सोचा था कि अगले दिन क्या होगा?दरअसल, उस वक्त राजस्थान बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन की परीक्षाएं चल रहीं थी। मोहन लाल अपनी बेटी लक्ष्मी को बहुत प्यार करते थे। उनका सपना था कि लक्ष्मी बड़ी होकर आईएएस अधिकारी बने। और इसी वजह से, वो अपनी बेटी की पढ़ाई में कभी पीछे नहीं हटते थे। भले ही घर के खर्चें कम करने हों, लेकिन लक्ष्मी को पढ़ाई के लिए वो सबकुछ मिलता था, जिसकी उसे जरूरत है। 23 फरवरी को लक्ष्मी की अंग्रेजी की परीक्षा थी और इससे एक दिन पहले ही उसके पिता की हत्या कर दी गई। ऐसे में लक्ष्मी एक बड़ा फैसला लेती है।

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अंग्रेजी सहित सभी एग्जाम देने का फैसलावो तय करती है कि अपनी अंग्रेजी की परीक्षा देगी। यही नहीं, बल्कि इसके अगले रोज होने वाली हिंदी और उसके बाद की परीक्षाओं में बैठने का भी वो फैसला कर लेती। गांव में बातें होती हैं, लेकिन लक्ष्मी अपना फैसला ले चुकी थी और इस फैसले में साथ देती हैं उसकी मां सोनी बाई। लक्ष्मी की मां ना केवल उसका साथ देती हैं, बल्कि आगे बढ़कर हालात से लड़ने के लिए उसकी हिम्मत भी बंधाती हैं। मायूसी भरे माहौल में लक्ष्मी तैयारी करती हैं और अगले दिन परीक्षा देने पहुंच जाती हैं।

12वीं में हासिल किए 90.80 फीसदी अंकइसके बाद आता है वो दिन, जब राजस्थान बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन की 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट घोषित होता है। लक्ष्मी का परीक्षा परिणाम देखकर हर कोई हैरान था। उसने 12वीं में 90.80 फीसदी नंबर हासिल किए थे। कल तक जो लोग बातें बना रहे थे, अब वही लक्ष्मी की तारीफ करते हुए नजर आ रहे हैं। अपनी इस सफलता पर लक्ष्मी कहती हैं, 'परीक्षा के वक्त भले ही पापा साथ नहीं थे, लेकिन उनका आशीर्वाद हमेशा उनके पास रहा। और ये उनका आशीर्वाद ही है, जिसकी वजह से मैं आज कामयाब हो पाई'

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रिजल्ट वाले दिन ही टीचर की मां का निधनहालांकि, रिजल्ट वाले दिन लक्ष्मी को एक और सदमा लगा। दरअसल जिस दिन उनकी 12वीं की परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ, उसी दिन उनके टीचर डॉ. रमेश यादव की मां का निधन हो गया। ऐसे में लक्ष्मी अपनी कामयाबी की खुशियां अपने टीचर और दोस्तों के साथ नहीं बांट पाईं। उन्होंने कहा कि 12वीं पास करने के बाद उनका लक्ष्य अब यूपीएससी परीक्षा में जाना है। उनके पिता उन्हें आईएएस अधिकरी बनते हुए देखना चाहते थे, और वे इस सपने को जरूर पूरा करेंगी।