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क्वालिटी मैंगो तैयार करने की बै‍गिंग तकनीक जानते हैं? लखनऊ में किसानों की बल्ले-बल्ले

क्वालिटी मैंगो तैयार करने की बै‍गिंग तकनीक जानते हैं? लखनऊ में किसानों की बल्ले-बल्ले

Source: Navbharat Times

दीप सिंह, लखनऊ: साल भर की कड़ी मेहनत के बागों में आम की फसल तैयार होती है लेकिन किसानों को उसके दाम नहीं मिलते। यही वजह है कि बहुत से किसान आम की बागवानी छोड़ रहे हैं और दूसरी फसलों की ओर पलायन कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (सीआईएसएच) और प्रदेश सरकार ने इस साल एक नई पहल की है। इसके तहत प्रदेश को क्लस्टर में बांटकर किसानों से क्वालिटी आम तैयार करवाया है।ऐसे तैयार हुआ क्वालिटी आमसीआईएसएच और प्रदेश सरकार ने बौर आने से पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी। इसमें सबसे पहले तो प्रदेश को तीन क्लस्टर में किसानों को चयनित किया। दशहरी के लिए लखनऊ चौंसा के लिए सहारनपुर और लंगड़ा के लिए वाराणसी का चयन किया गया। इन तीनों क्लस्टर में करीब 2000 किसान अपने साथ जोड़े। सबसे पहले तो इन किसानों को वैज्ञानिकों की देखरेख में क्वालिटी आम उत्पादन करने की बारीकियां बताई गईं।

किसानों को बताया गया कि ज्यादा कीटनाशक का उपयोग न किया जाए। साल में सिर्फ दो या तीन बार ही स्प्रे किया गया। यह भी बताया गया कि कौन सा कीटनाशक इस्तेमाल करकें, जिससे फसल को नुकसान न हो। उसके बाद सीआईएसएच ने अपनी देखरेख में तैयार माइक्रोन्यूट्रिएंट (खाद) उपलब्ध करवाया ताकि बढ़त अच्छी हो। छोटा फल आने के बाद इसका छिड़काव किया गया।

खूबसूरती भी निखरीआम में दाग-धब्बे लग जाने से भी वे देखने में खराब लगते हैं। ये दाग-धब्बे न लगें और फल देखने में खूबसूरत लगे, इसके लिए बैगिंग करवाई गई। खुद सीआईएसएच ने तीन लाख बैग मुफ्त दिए। इसके अलावा कुछ कंपनियों से बहुत कम लागत में बैग किसानों ने खरीदे। कागज के इन बैग से आम के फल को पूरी तरह कवर कर देने से उसमें कोई दाग-धब्बे नहीं लगे। इस तहर बिना किसी रोग के खूबसूरत आम तैयार हुआ।

घर बैठे मिल रहे अच्छे दामसीआईएसएच के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मनीष मिश्र कहते हैं कि इस क्वालिटी आम के लिए जरूरी है कि किसानों को ऐसा मार्केट मिल सके जहां उनको अच्छे दाम मिल सकें। इसके लिए हमने कई बड़ी कंपनियां को जोड़ा। इन किसानों से उनका टाइअप है। वे किसानों से उनके बाग से ही 80-100 रुपये प्रति किलो आम खरीद रही हैं। इनको दूसरे प्रदेशों में भेजकर या आम के उत्पाद बनाकर वे भी मुनाफा कमा रही हैं।

किसान के लिए सीधे मॉल से सम्पर्क करना आसान नहीं है। ऐसे में ये कंपनियां क्वालिटी मार्केट उपलब्ध करा रही हैं। अभी चौंसा और लंगड़ा की फसल कुछ देर में आएगी। उनके दाम तो और भी ज्यादा मिलने की उम्मीद है। सीआईएसएच के निदेशक डॉ. टी दामोदरन कहते हैं कि किसानों को आम के सही दाम दिलाने के मकसद से ही यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। अभी 2000 किसानों ने यह शुरुआत की है। यदि इनको अच्छे दाम मिलते हैं तो इसे देखकर बाकी किसान खुद गुणवत्तापरक खेती के लिए तैयार होंगे।