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नूंह में जगह-जगह चल रहे ड्रग्स सप्लाई के ट्रेनिंग सेंटर, जानें कैसे दिल्ली से लेकर बंगाल तक बिछा नेटवर्क

नूंह में जगह-जगह चल रहे ड्रग्स सप्लाई के ट्रेनिंग सेंटर, जानें कैसे दिल्ली से लेकर बंगाल तक बिछा नेटवर्क

Source: Navbharat Times

फरीदाबाद : शहर में ड्रग्स की खपत बढ़ती ही जा रही है। रोज दो-चार नशा तस्कर भी काबू किए जा रहे हैं। दिल्ली और मेवात रीजन से माल शहर में आ रहा है! सप्लाई करने वाले तस्कर पुलिस से बचने के लिए कम मात्रा में माल सप्लाई कर रहे हैं। हालांकि पुलिस ने बीते साल कई नशा तस्करों की प्रॉपर्टी अटैच की थी और अवैध संपत्तियों को ध्वस्त भी की थी, लेकिन नशा तस्करी पर लगाम नहीं लग पा रही है, बल्कि बढ़ ही रही है। नेपाल के रास्ते यूपी और फिर वहां से मेवात क्षेत्र से होते हुए शहर में नशे की सप्लाई की जा रही है। इसके साथ ही पुरानी दिल्ली के विभिन्न एरिया से भी ड्रग्स भेजी जा रही है। सूत्रों की मानें तो नूंह में कई जगह पर ड्रग्स सप्लाई के ट्रेनिंग सेंटर भी चलाए जा रहे हैं।

100 करोड़ का सालाना कारोबारझारखंड पुलिस ने खुफिया एजेंसी की मदद से पिछले साल इंडियन मुजाहिद्दीन (IM) के कुछ स्लीप सेल को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में स्लीपर सेल ने पुलिस को बताया था कि वे पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के अलावा हरियाणा के नूंह स्थित पुन्हाना से ब्राउन शुगर व अन्य नशीले सामान मंगाता है और उसकी तस्करी जमशेदपुर के कोल्हान, कीताडीह, संजयनगर, बर्मामाइंस, जुगसलाई, खरकई नदी तट से सटे बस्ती क्षेत्र, छायानगर व अन्य क्षेत्र में करते हैं। इसके लिए नशे का सामान नूंह, यूपी के गोरखपुर, बिहार के रास्ते झारखंड के जमशेदपुर व अन्य शहरों में पहुंचाया जाता है। इस तरह से नूंह के पुन्हाना से वह 100 करोड़ रुपये का सालाना करोबार करते हैं। तस्करी के फंड को आतंकी व देश विरोधी गतिविधियों में लगाते हैं। सूत्रों के अनुसार आईएम के स्लीपर सेल ने पूछताछ में बताया था कि झारखंड व आसपास के क्षेत्रों में नशा तस्करी के लिए उनकी पहली पसंद पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद है।

नजदीक होने के चलते वे वहां से नशे का सामान लाते हैं। पुलिस की सख्ती बढ़ने पर वे हरियाणा के नूंह की ओर रूख कर लिया था। आईएम के आतंकियों ने बताया था कि उनका राजस्थान व हरियाणा क्षेत्र में फैले मेवात से उनका मजबूत कनेक्शन बना हुआ है। पुन्हाना व अन्य क्षेत्रों में तस्करी के लिए लोगों को ट्रेनिंग भी जाती है। इसके लिए वहां देशभर से लोग पहुंचते हैं। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में भी अब ज्यादातर सप्लाई यहीं से जाती है।

18 तस्करों की तोड़ी थी प्रॉपर्टीनशा तस्करों पर कार्रवाई करते हुए पुलिस और क्राइम ब्रांच ने सितंबर 2022 से अगस्त 2023 तक 18 नशा तस्करों की अर्जित अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई की थी। सबसे अधिक कार्रवाई शहर के बड़े नशा तस्कर लाला पर हुई थी। लाला का सेक्टर-22 मछली मंडी में मकान को पिछले साल ध्वस्त किया गया था। इसके साथ ही बल्लभगढ़ में भी कई जगह नशा तस्करों की अवैध प्रॉपर्टी तोड़ी गई थी। अनखीर स्थित एक नशा तस्कर की पांच दुकानों को तोड़ा गया था। चार नशा तस्करों की प्रॉपर्टी पुलिस ने अटैच भी की थी। गौरतलब है कि पीआईटी एनडीपीएस एक्ट 1988 उन गंभीर नशे के कारोबार करने वाले अपराधियों पर लगाया जाता है जो लगातार उसमें शामिल पाए जाते हैं। यह कार्रवाई शासन की ओर से की जाती है। शहर में इस साल पुलिस ने 6 ऐसे नशा तस्करों को जेल में बंद करवाया है।

तीन साल में जब्त नशीले पदार्थगांजा 2093 किलो

स्मैक 713 ग्राम

हेरोइन 1.596 किलो

सल्फा 63 ग्राम

कफ सिरप 1938 बोतल

कैप्सूल 344

इंजेक्शन 118

गोलियां 33990

पोप हस्क 210.810 किलो

डोडा पोस्त 18.460 किलो

एमडीएमए- 4.30 ग्राम